Bhopal Overbridge: भोपाल के ऐशबाग स्टेडियम के पास बन रहा रेलवे ओवरब्रिज (ROB) निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही चर्चा का विषय बन गया है। कारण है इसका 90 डिग्री का तीखा मोड़, जिसे देखकर स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स चिंता जता रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह मोड़ भविष्य में दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
भूमि की कमी और मेट्रो स्टेशन की निकटता से प्रभावित डिजाइन
रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण मार्च 2023 में शुरू हुआ था और अब यह लगभग तैयार हो चुका है। इसकी कुल लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8.5 मीटर है। इसे 18 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि भूमि की कमी और निकटवर्ती मेट्रो स्टेशन के कारण इस तरह का डिजाइन तैयार किया गया है।
जनता की आशंकाएं और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग इस तीखे मोड़ को लेकर आशंकित हैं। उनका मानना है कि तेज गति से आने वाले वाहन चालकों को अचानक मोड़ लेना मुश्किल होगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ेगी। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस के केरल पेज ने व्यंग्य करते हुए लिखा कि “इंजीनियरों की टीम ने सीधे रास्ते की बजाय 3+4=7 चुना ताकि लंबा रास्ता और बड़ा बजट सुनिश्चित हो सके।”
कांग्रेस ने उठाए सवाल, ‘मौत का मैदान बनने से पहले चेतें’
एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “ऐसे खतरनाक डिजाइन को विभाग ने कैसे स्वीकृति दी? अगर समय रहते सरकार नहीं चेती तो यह ओवरब्रिज भविष्य में मौत का मैदान बन सकता है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे अधिकारियों ने पहले ही डिजाइन पर आपत्ति जताई थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया।
सरकार की सफाई
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह एक 5 साल पुराना प्रोजेक्ट है और इसकी ड्राइंग पहले ही तैयार कर ली गई थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बुधवार को इस पुल का निरीक्षण किया और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस ओवरब्रिज पर केवल छोटे वाहनों की आवाजाही की अनुमति होगी।
अधिकारी बोले- दिशा निर्देशों के अनुसार सुरक्षित गति से होगा संचालन
लोक निर्माण विभाग के ब्रिज विभाग के चीफ इंजीनियर वीडी वर्मा ने कहा कि इस ओवरब्रिज का डिजाइन भारतीय सड़क कांग्रेस के दिशानिर्देशों के अनुसार है। इसकी रफ्तार सीमा तय की जाएगी ताकि दुर्घटनाओं की आशंका न के बराबर हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारी वाहनों को इस पुल से गुजरने की अनुमति नहीं होगी।
डिज़ाइन को लेकर टकराव, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद क्षेत्र में ओवरब्रिज की मांग लंबे समय से थी। अब जब यह लगभग बनकर तैयार है, तो जनता उसकी सुरक्षा को लेकर संशय में है। अधिकारी भरोसा दिला रहे हैं कि सभी मानकों का पालन किया गया है, लेकिन इस 90 डिग्री मोड़ की व्यवहारिकता और सुरक्षा को लेकर अंतिम फैसला अब समय ही बताएगा।